- 22 June, 2025
वाटिकन सिटी, जून 22, 2025: संत पापा लियो 14वें ने युद्ध की त्रासदी, विशेष रूप से मध्य पूर्व में, समाप्त करने की एक मार्मिक अपील जारी की है। उन्होंने चेतावनी दी कि सशस्त्र संघर्ष केवल पीड़ा को गहरा करता है और कभी भी स्थायी समाधान नहीं दे सकता।
पवित्र पिता ने रविवार को एंजेलुस प्रार्थना के दौरान कहा “मध्य पूर्व, विशेषकर ईरान से चिंताजनक समाचार लगातार आ रहे हैं,”।
उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई जब अमेरिका ने ईरान में परमाणु स्थलों को निशाना बनाकर बमबारी की, और इसके साथ ही इज़राइल तथा ईरान में आपस में लगातार हमले जारी है।
“इस भयावह परिदृश्य में, जिसमें इज़राइल और फिलिस्तीन भी शामिल हैं,” संत पापा ने आगे कहा, “ग़ाज़ा और अन्य क्षेत्रों में आम लोगों की रोज़मर्रा की पीड़ा भुला दी जाने का ख़तरा है, जबकि मानवीय सहायता की ज़रूरत पहले से कहीं अधिक है।”
“आज, पहले से कहीं अधिक, मानवता शांति के लिए पुकार रही है और गुहार लगा रही है,” उन्होंने ज़ोर देकर कहा।
संत पापा ने यह स्पष्ट किया कि शांति की यह पुकार “ज़िम्मेदारी और विवेक की मांग करती है, और इसे न तो हथियारों की गर्जना में दबने दिया जाना चाहिए, न ही ऐसी भाषणबाज़ी में जो संघर्ष को भड़काती है।”
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सभी सदस्यों से अपील की कि वे अपना नैतिक कर्तव्य निभाएं और “युद्ध की इस त्रासदी को उस समय से पहले ही रोकें, जब वह एक अपूरणीय खाई बन जाए।”
“जब मानव गरिमा दांव पर हो,” उन्होंने कहा, “तो कोई भी संघर्ष दूर नहीं रह जाता।”
“युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं करता,” संत पापा ने दोहराया। “इसके विपरीत, यह समस्याओं को और बढ़ा देता है और लोगों के इतिहास पर गहरे ज़ख्म छोड़ता है — ऐसे घाव जो पीढ़ियों तक नहीं भरते। किसी भी सैन्य जीत से न तो किसी माँ के दुख की भरपाई हो सकती है, न किसी बच्चे के डर की, और न ही एक छीने गए भविष्य की।”
अंत में, संत पापा लियो 14वें ने युद्ध की आवाज़ों के बंद हो जाने की अपनी प्रबल आशा प्रकट की।
“राजनयिक वार्ता हथियारों को शांत करे!” उन्होंने आग्रह किया। “राष्ट्र अपने भविष्य का निर्माण हिंसा और रक्तपात से नहीं, बल्कि शांति के कार्यों से करें!”
सौजन्य: वेटिकन न्यूज़
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