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ननों की गिरफ़्तारी पर प्रियंका गांधी ने उठाई आवाज़, भाजपा पर लगाया भेदभाव का आरोप

नई दिल्ली, 30 जुलाई, 2025: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को अल्पसंख्यकों पर कथित अत्याचारों को लेकर भाजपा नीत सरकार की कड़ी आलोचना की और केरल के कई विपक्षी सांसदों के साथ संसद के मकर द्वार के पास धरना दिया। यह विरोध प्रदर्शन हाल ही में केरल की दो कैथोलिक ननों - प्रीति मेरी और वंदना फ्रांसिस - और सुकमन मंडावी की छत्तीसगढ़ में हुई गिरफ़्तारी के विरोध में किया गया।


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एक स्थानीय बजरंग दल पदाधिकारी की शिकायत पर तीनों महिलाओं को 25 जुलाई को दुर्ग रेलवे स्टेशन पर गिरफ़्तार कर लिया गया था। उन पर नारायणपुर की तीन लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराने और उनकी तस्करी करने का आरोप है। गिरफ़्तार महिलाएँ वर्तमान में दुर्ग सेंट्रल जेल में बंद हैं।


प्रियंका गांधी ने संवाददाताओं से कहा, "केरल की कुछ ननों के साथ बहुत बुरा व्यवहार किया गया है। उन पर ऐसे काम करने का आरोप लगाया गया जो वे नहीं कर रही थीं। उनके साथ बदसलूकी की गई और फिर छत्तीसगढ़ पुलिस उन्हें ले गई। हम अल्पसंख्यकों पर इस तरह के हमलों का विरोध कर रहे हैं।"

उन्होंने "अल्पसंख्यकों के विरुद्ध अत्याचार" को समाप्त करने की माँग की।


"यह बिल्कुल भी उचित नहीं है, ये महिलाएँ हैं... इनके साथ इस तरह का दुर्व्यवहार नहीं किया जा सकता। आप लोगों पर उन चीज़ों का आरोप नहीं लगा सकते जो वे नहीं कर रहे हैं," उन्होंने कहा।

राजनीतिक निष्क्रियता(कोई एक्शन ना लेना) का आरोप लगाते हुए, गांधी ने कहा, "सरकार अपने प्रचार, जनसंपर्क और चुनाव आने पर जनता को अपना चेहरा दिखाने के अलावा किसी भी चीज़ पर कार्रवाई नहीं करती। वे किसी भी ठोस कार्रवाई पर कार्रवाई नहीं करते, इसलिए मुझे कार्रवाई की उम्मीद नहीं है, लेकिन हमारा काम है कि हम उन पर दबाव डालें, जितना हो सके, उतना दबाव डालें।"


केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ गठबंधन के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ की दुर्ग सेंट्रल जेल का दौरा किया और गिरफ्तार ननों से मुलाकात की। इसी प्रतिनिधिमंडल ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साईं से भी मुलाकात की, जिन्होंने उन्हें आश्वासन दिया कि मामले की गहन जाँच की जाएगी।


इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल, आरएसपी सांसद एन.के. प्रेमचंद्रन और केरल के अन्य कांग्रेस सांसद भी मौजूद थे। प्रदर्शनकारियों ने गिरफ्तार ननों की तत्काल रिहाई की मांग की और आरोपों को निराधार और राजनीति से प्रेरित बताया।


सौजन्य: डेक्कन हेराल्ड

फोटो स्रोत: पीटीआई


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