- 13 August, 2025
फिरोजाबाद, उत्तर प्रदेश, 11 अगस्त, 2025 — फिरोजाबाद जिले के टूंडला में सोशल मीडिया पर यह दावा किए जाने के बाद विवाद खड़ा हो गया है कि आगरा महाधर्मप्रांत के एक मिशनरी स्कूल, क्राइस्ट द किंग इंटर कॉलेज में रक्षाबंधन से पहले छात्राओं को राखी बांधने से रोका गया या उनकी राखियाँ उतार दी गईं।
यह आरोप रविवार देर रात तब सामने आए जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक पदाधिकारी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके दावा किया कि स्कूल प्रशासन ने या तो इस परंपरा पर रोक लगा दी है या छात्रों को राखी उतारने का निर्देश दिया है। इस पोस्ट पर कई समर्थनात्मक टिप्पणियाँ आईं और सोमवार को स्कूल के बाहर विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया गया, जिसमें अधिकारियों से जवाब मांगा गया।
स्कूल प्रधानाचार्य की प्रतिक्रिया
प्रधानाचार्य पीटर पारखे ने आरोपों का कड़ा खंडन किया है। एबीपी गंगा समाचार चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा, "किसी भी छात्र की राखी नहीं उतारी गई और न ही इसे रोकने के लिए कोई निर्देश दिए गए। दरअसल, प्राइमरी सेक्शन में रक्षाबंधन मनाया गया और मैंने खुद इसमें हिस्सा लिया, बच्चों ने मुझे राखी बाँधी। हमारे पास इस आयोजन की तस्वीरें हैं।"
उन्होंने बताया कि परिसर पूरी तरह से सीसीटीवी से कवर है और ज़रूरत पड़ने पर सत्यापन के लिए फुटेज उपलब्ध कराने की पेशकश की। पारखे ने आगे कहा कि उन्हें देर रात फ़ोन करके कथित घटना के बारे में दबाव डाला गया, लेकिन दावा करने वालों ने इसमें शामिल किसी भी छात्र की पहचान नहीं बताई।
स्कूल में कुछ सिस्टरों पर लगे आरोपों पर बात करते हुए, पारखे ने स्पष्ट किया कि किसी भी सिस्टर ने छात्रों से राखियाँ हटाने के लिए नहीं कहा या ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने पुष्टि की कि किसी भी अभिभावक ने सीधे उनसे शिकायत नहीं की और सीसीटीवी रिकॉर्ड की गहन समीक्षा के लिए तत्परता व्यक्त की।
भाजपा प्रतिनिधि का बयान
भाजपा जिला महासचिव दीपक चौधरी ने कहा कि कक्षा सातवीं और आठवीं के कई छात्रों ने स्कूल में एक सिस्टर द्वारा उनकी राखियाँ जबरन हटाने की सूचना दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि सिस्टर ने राखियाँ काटने के लिए कैंची ढूँढ़ने की कोशिश की और असफल होने पर उन्हें हाथ से हटा दिया।
चौधरी ने कहा कि इस घटना से अभिभावकों और स्थानीय निवासियों में रोष है, जिसके चलते भाजपा प्रतिनिधियों ने सोमवार को सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा के लिए स्कूल का दौरा करने की योजना बनाई है। उन्होंने आगे कहा कि अगर प्रशासन गलती मान ले और संबंधित सिस्टर भी अपनी गलती स्वीकार कर ले, तो मामला सुलझ सकता है; अन्यथा, आगे की कार्रवाई की जाएगी।
स्रोत: एबीपी लाइव
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