- 26 July, 2025
26 जुलाई को कैथोलिक कलीसिया में एक विशेष पर्व मनाया जाता है — संत जोआकीम और संत अन्ना, धन्य कुँवारी मरियम के माता-पिता और प्रभु येसु के नाना-नानी का स्मरण।
यह पर्व केवल अतीत की एक कथा नहीं है — यह हर परिवार की आत्मा, हर बुज़ुर्ग की गरिमा, और हर पीढ़ी को जोड़ने वाली विश्वास की चुप आवाज़ का उत्सव है।
संतों की पहचान उनके मौन विश्वास से
संत जोआकीम और अन्ना के जीवन के बारे में बाइबिल में अधिक जानकारी नहीं है, लेकिन प्रारंभिक मसीही परंपरा (जैसे Protoevangelium of James) हमें बताती है कि वे धार्मिक, दयालु और ईश्वर-केन्द्रित जीवन जीते थे।
उन्होंने एक बेटी पाई — मरियम — जो स्वर्गदूत के बुलावे पर “हाँ” कहकर ईश्वर की योजना में सहभागी बनी।
यह “हाँ” केवल एक पल का उत्तर नहीं था, बल्कि ऐसे माता-पिता के वर्षों की आस्था का फल था, जिन्होंने मरियम को विश्वास और विनम्रता में बड़ा किया।
बुज़ुर्ग – हमारे जीवन की जड़ें
पोप फ्रांसिस बार-बार कहते थे कि:
"बुज़ुर्ग हमारे समाज की जड़ें हैं। अगर हम उन्हें काट देंगे, तो भविष्य खो देंगे।"
हममें से कितनों ने अपने जीवन की पहली प्रार्थना दादी या नानी से सीखी है?
कितनों ने नाना के हाथों से मिस्सा के लिए तैयार होना सीखा, या दादा की कहानियों से जीवन के मूल्य समझे?
आज की तेज़ी से भागती हुई दुनिया में बुज़ुर्ग धीरे चलना सिखाते हैं, प्रतीक्षा करना सिखाते हैं, ध्यान देना सिखाते हैं।
🎉 यह पर्व क्यों है ज़रूरी?
संत जोआकीम और अन्ना का पर्व हमें याद दिलाता है कि:
परिवार केवल खून का रिश्ता नहीं, विश्वास की परंपरा है
बुज़ुर्ग केवल देखभाल के पात्र नहीं, सम्मान और प्रेम के अधिकारी हैं
जीवन की गति में, गहराई केवल अनुभव से आती है। आज का दिन हमें प्रेरित करता है कि हम अपने दादा-दादी या नाना-नानी से बात करें, उनके साथ समय बिताएं, उनकी कहानियाँ सुनें और उनकी प्रार्थनाओं को समझें — क्योंकि वहीं से जीवन का सार निकलता है।
खुद से यह सवाल करें...
क्या मैं अपने परिवार के बुज़ुर्गों को समय देता हूँ?
क्या मैंने कभी उनका आभार जताया है?
क्या मैं उन्हें बोझ समझता हूँ या आशीर्वाद?
क्या मेरी संतानें भी मेरी तरह बुज़ुर्गों से जुड़ेगी?
एक छोटी प्रेरणादायक प्रार्थना
हे संत अन्ना और संत जोआकीम,
आपने मरियम को विश्वास, विनम्रता और प्रेम में बड़ा किया।
हमारे परिवारों में भी वही विश्वास और एकता लाने के लिए
कृपया प्रभु येसु से हमारे लिए प्रार्थना करें।
हमारे दादा-दादी, नाना-नानी और सभी बुज़ुर्गों को
सम्मान, स्वास्थ्य और प्रभु की शांति मिले।
आप हमारे लिए प्रार्थना करें।
✝️ आमेन।
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