- 09 May, 2025
9 मई 2025: पोप फ्राँसिस और कार्डिनल रॉबर्ट फ्रांसिस प्रेवोस्ट के बीच संबंध विश्वास, मार्गदर्शन और रणनीतिक सहयोग से परिपूर्ण रहा है। प्रारंभिक निजी मुलाकातों से लेकर वेटिकन में महत्वपूर्ण भूमिकाओं तक, प्रेवोस्ट की यात्रा पोप फ्राँसिस के साथ गहरे संबंध को दर्शाती है, जो अंततः उनके पोप लियो XIV के रूप में चुनाव में परिणत हुई। यह लेख उनके कलिसिया के लिए साझा दृष्टिकोण को आकार देने वाले प्रमुख पड़ावों का अन्वेषण करता है।
1 मार्च 2021 – पोप फ्राँसिस के साथ निजी मुलाकात
कार्डिनल रॉबर्ट फ्रांसिस प्रेवोस्ट ने पोप फ्राँसिस के साथ एक निजी मुलाकात की, जो वेटिकन में उनकी बढ़ती दृश्यता का संकेत थी। हालांकि इस बैठक के विवरण सार्वजनिक नहीं किए गए, यह बैठक उस समय हुई जब प्रेवोस्ट पेरू के चिकलायो में धर्माध्यक्ष के रूप में सेवा कर रहे थे।
30 जनवरी 2023 – धर्माध्यक्षों के विभाग की प्रीफेक्ट के रूप में नियुक्ती
संत पिता फ्राँसिस ने कार्डिनल प्रेवोस्ट को धर्माध्यक्षों के विभाग (Dicastery for Bishops) का प्रीफेक्ट नियुक्त किया, जो विश्वभर में धर्माध्यक्षों की नियुक्ति के लिए जिम्मेदार एक प्रभावशाली विभाग है। यह नियुक्ति प्रेवोस्ट के पास्तरीय और कलीसियाई अनुभव में पोप फ्राँसिस के उच्च विश्वास को दर्शाती है।
12 अप्रैल 2023 – लैटिन अमेरिका के धर्माध्यक्षीय आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति
कार्डिनल प्रेवोस्ट को लैटिन अमेरिका के लिए धर्माध्यक्षीय आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया, जिससे उनके उन क्षेत्रों में जिम्मेदारियाँ बढ़ीं जहाँ उनका मिशनरी अनुभव व्यापक था। यह नियुक्ति पोप फ्राँसिस की पास्तरीय प्राथमिकताओं से जुड़े क्षेत्रों में उनकी भूमिका को सुदृढ़ करती है।
जुलाई 2023 – संत पिता फ्राँसिस द्वारा कार्डिनल बनाए गए
कार्डिनल प्रेवोस्ट को जुलाई 2023 में संत पिता फ्राँसिस द्वारा कार्डिनल बनाया गया। यह पदोन्नति उनके सार्वभौमिक कलीसिया में प्रभाव को पुष्ट करती है और उन्हें होली सी (रोमन कैथ्लिक कलिसिया और वैटिकन के संचालक मण्डल) को सलाह देने की क्षमता प्रदान करती है।
26 अक्टूबर 2023 – धर्मसभा असेंबली में धर्मसभात्व(सिनोडालिटी) का समर्थन
धर्मसभात्व पर धर्म सभा (सिनॉड ऑन सिनोडालिटी) के दौरान, कार्डिनल प्रेवोस्ट ने सम्मानजनक सुनवाई और कलीसियाई एकता के विषयों पर बल दिया। उन्होंने कहा: “विभाजन के प्रामाणिक संकेत बहुत कम रहे हैं।” “हम सभी मिलकर एक कलीसिया के रूप में वास्तव में साथ चलने के तरीकों की खोज कर रहे हैं।” ये टिप्पणियाँ पोप फ्राँसिस द्वारा परिकल्पित धर्मसभात्व(सिनोडालिटी) के प्रति उनके समर्थन को दर्शाती हैं।
6 फरवरी 2025 – कार्डिनल-धर्माध्यक्ष के रूप में पदोन्नति
पोप फ्राँसिस ने कार्डिनल प्रेवोस्ट को कार्डिनल-धर्माध्यक्ष के पद पर पदोन्नत किया, उन्हें अल्बानो के उपनगरीय धर्मप्रांत का टाइटुलर धर्माध्यक्ष नियुक्त किया। यह पदोन्नति कॉलेज ऑफ कार्डिनल्स में उनकी वरिष्ठता और प्रभाव को दर्शाती है।
मार्च 2025 – पोप फ्राँसिस की बीमारी के दौरान प्रार्थना का नेतृत्व
मार्च 2025 में जब पोप फ्राँसिस गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे थे, तब कार्डिनल प्रेवोस्ट ने सेंट पीटर्स स्क्वायर में सार्वजनिक प्रार्थनाओं का नेतृत्व किया, इस कठिन समय में संत पिता के साथ एकजुटता में विश्वासियों को एकत्रित किया।
8 मई 2025 – पोप लियो XIV के रूप में निर्वाचित
पोप फ्राँसिस के निधन के बाद, कार्डिनल प्रेवोस्ट को पोप लियो XIV के रूप में निर्वाचित किया गया, जिससे वे कलीसिया के इतिहास में पहले अमेरिकी मूल के संत पिता बने। उनका कार्यकाल संत पिता फ्राँसिस की विरासत को स्वीकार करने और धर्मसभात्व(सिनोडालिटी) और वैश्विक पहुंच के मार्ग को जारी रखने के इरादे से शुरू हुआ।
अभिषेक बेनेडिक्ट द्वारा अनुवादित
© 2025 CATHOLIC CONNECT POWERED BY ATCONLINE LLP