- 04 August, 2025
छत्तीसगढ़, 3 अगस्त, 2025: छत्तीसगढ़ के नारायणपुर ज़िले की युवतियाँ, कार्यकर्ता ज्योति शर्मा के खिलाफ परेशान करने वाले आरोप लेकर सामने आई हैं। हाल ही में दुर्ग रेलवे स्टेशन पर हुई घटना के बाद, जिसमें असीसी सिस्टर्स ऑफ़ मैरी इमैक्युलेट (ASMI) की दो सिस्टरों को झूठे आरोपों में गिरफ़्तार किया गया था, सिस्टरों के साथ यात्रा कर रही लड़कियों ने शर्मा और उनके सहयोगियों पर शारीरिक उत्पीड़न, यौन हिंसा की धमकियों और यात्रा के लिए माता-पिता की सहमति लेने के बावजूद उन्हें गलत तरीके से हिरासत में रखने का आरोप लगाया है।
"दुर्ग में हमारे साथ जो हुआ वह भयावह था," पीड़िताओं में से एक, ललिता हुसैन ने यह बयान उस अदालत के बाहर दिया जहाँ उन्होंने शिकायत दर्ज कराई है। "हम यहाँ ज्योति शर्मा द्वारा हमारे साथ किए गए व्यवहार के खिलाफ मामला दर्ज कराने आयें हैं। उन्होंने हमारे साथ ऐसा व्यवहार किया जैसा किसी भी महिला को किसी अन्य व्यक्ति के साथ नहीं करना चाहिए।"
लड़कियों के अनुसार, ज्योति शर्मा उन्हें रेलवे स्टेशन से पुलिस स्टेशन ले गईं। उनका आरोप है कि इसके बाद लगभग 100 से 150 लोगों की एक उग्र भीड़ ने हमारे साथ जो किया वह बेहद भयावह है। लड़कियों बताया, "वे हमें धक्का दे रहे थे, खींच रहे थे, हमें छू रहे थे। वे चिल्ला रहे थे कि वे हमारा बलात्कार करेंगे, हमें पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर करेंगे। हम बहुत डर गए थे।"
लड़कियों का दावा है कि ज्योति शर्मा ने खुद भी इस तरह की कई धमकियाँ दीं और इस दरिंदगी के दौरान उन पर शारीरिक हमला भी किया। "वह हमें बार-बार थप्पड़ मारती रही। जब किसी ने इसका वीडियो बनाने की कोशिश की, तो उसने उन्हें वीडियो न बनाने को कहा। फिर बाद में, उसने मीडिया से कहा कि वह हमारी रक्षा करने की कोशिश कर रही थी—मानो हम ही खतरे में हों।"
इस तथ्य के बावजूद कि लड़कियों के पास यात्रा करने के लिए उनके माता-पिता से उचित अनुमति थी, शर्मा ने कथित तौर पर उनके साथ ऐसा व्यवहार किया मानो उनकी तस्करी की जा रही हो। एक अन्य लड़की ने कहा, "हम निर्दोष थीं। हमने अपने माता-पिता से अनुमति ली थी। फिर भी, उसने हमें जेल में डाल दिया। हमें एक पल के लिए भी सुरक्षित महसूस नहीं हुआ।"
उन्होंने आगे बताया कि मानव तस्करी के झूठे आरोप में फंसी दो सिस्टरें और एक युवक को अब ज़मानत पर रिहा कर दिया गया है। "हमें खुशी है कि निर्दोष जेल से बाहर आ गए हैं। लेकिन हम ज्योति शर्मा और उसके इरादों की पूरी जाँच चाहते हैं। उसने हमारे साथ ऐसा क्यों किया? वह क्या साबित करना चाहती थी?"
लड़कियों ने आदिवासी युवाओं के साथ अपनाए जाने वाले दोहरे मानदंडों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "हम नारायणपुर से अनुमति लेकर आए थे, फिर भी हमारे साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया गया। लेकिन ऐसे कई लोग हैं जो बिना किसी सवाल-जवाब के बाहर से काम के लिए नारायणपुर आते हैं। जब हम दूसरे शहरों में अपना जीवन संवारने की कोशिश करते हैं तो यह अपराध क्यों है?"
जैसे-जैसे मामला आगे बढ़ रहा है, अब ध्यान इस बात पर केंद्रित हो गया है कि क्या अधिकारी लोग ज्योति शर्मा और सार्वजनिक उत्पीड़न व दुर्व्यवहार में शामिल लोगों के कृत्यों की गहन और निष्पक्ष जाँच शुरू करेंगे।
स्रोत: एक वीडियो इंटरव्यू से अनुवादित
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