- 29 June, 2025
वाटिकन सिटी, रविवार, जून 29, 2025 (वाटिकन न्यूज): संत पेत्रुस और संत पौलुस के पर्व पर पोप लियो 14वें ने संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में श्रद्धालुओं के साथ देवदूत प्रार्थना की अगुवाई की। प्रार्थना से पहले अपने संदेश में उन्होंने रोम की कलीसिया की नींव — प्रेरितों की गवाही और शहादत — की याद दिलाई।
उन्होंने कहा, “रोम की कलीसिया संत पेत्रुस और पौलुस के खून से सींची गई है। आज भी दुनिया भर में कई ख्रीस्तीय अपने विश्वास के लिए अत्यधिक बलिदान दे रहे हैं। उनके साझा कष्ट एक ऐसी ‘रक्त की एकता’ बनाते हैं, जो अभी तक पूर्ण रूप से दृश्य नहीं है, पर गहराई से जुड़ी हुई है।”
एकता उनकी धर्माध्यक्षीय सेवा का केंद्र है, पोप ने कहा, “रोम की कलीसिया सभी कलीसियाओं के बीच मेल-मिलाप और प्रेम बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।”
पोप ने यह भी स्पष्ट किया कि येसु ही कलीसिया की सच्ची चट्टान हैं। उन्होंने याद दिलाया कि प्रेरितों की गवाही अक्सर समाज के किनारों पर शुरू होती है, जैसे “दीवारों के बाहर” स्थित उनके महागिरजाघर, और वही स्थान विश्वास की जड़ों के लिए सबसे उपजाऊ साबित होते हैं।
धन्यताओं के मार्ग पर चलना कठिन है, उन्होंने कहा — जहां दीनता, नम्रता, और न्याय के लिए भूख होती है, वहां विरोध और उत्पीड़न भी होता है। फिर भी, ईश्वर की महिमा ऐसे ही मार्ग पर प्रकट होती है और विश्वासियों को बार-बार नया रूप देती है।
पोप ने आगे कहा कि संतता सिद्धता से नहीं, बल्कि क्षमा से जन्म लेती है। उन्होंने संत पेत्रुस और पौलुस के संघर्षों और कमजोरियों को स्वीकार करते हुए कहा कि प्रभु ने उन्हें कई बार वापस बुलाया। “येसु एक बार नहीं, कई बार बुलाते हैं,” पोप ने कहा, “और यही हमें आशा का आधार देता है — जैसे कि जुबली वर्ष हमें याद दिलाता है।”
उन्होंने आह्वान किया कि एकता की शुरुआत परिवारों और समुदायों से हो। यदि येसु हम पर भरोसा कर सकते हैं, तो हम भी उनके नाम पर एक-दूसरे पर विश्वास कर सकते हैं।
अंत में उन्होंने प्रार्थना की कि कुँवारी मरियम, संत पेत्रुस और पौलुस हमारे लिए मध्यस्थ बनें, ताकि कलीसिया इस बिखरे हुए संसार में एक सच्चा घर और एकता का विद्यालय बन सके।
स्रोत: वैटिकन न्यूज़
© 2025 CATHOLIC CONNECT POWERED BY ATCONLINE LLP