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भारत में ईसाइयों पर हमलों को लेकर यूसीएफ ने वेटिकन अधिकारी को सौंपा ज्ञापन

नई दिल्ली, 17 जुलाई 2025 – यूनाइटेड क्रिश्चियन फोरम (यूसीएफ), नई दिल्ली ने आज वेटिकन के राज्यों के साथ संबंधों के सचिव, महामहिम महाधर्माध्यक्ष पॉल रिचर्ड गैलाघर को एक ज्ञापन सौंपा। महाधर्माध्यक्ष गैलाघर इन दिनों भारत की आधिकारिक यात्रा पर हैं। यह ज्ञापन दिल्ली के महाधर्माध्यक्ष अनिल कूटो ने यूसीएफ की ओर से नई दिल्ली स्थित अपोस्टोलिक ननसिएचर में सौंपा। इस ज्ञापन में भारत भर में ईसाइयों पर बढ़ते हमलों और उत्पीड़न की घटनाओं को लेकर होली सी से तत्काल हस्तक्षेप की अपील की गई है।


ज्ञापन में बताया गया कि वर्ष 2024 में भारत में ईसाइयों के खिलाफ हिंसा और शत्रुता की 834 घटनाएं दर्ज की गईं, जबकि 2023 में यह संख्या 734 थी।

साथ ही, ज्ञापन में विशेष रूप से उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में धर्मांतरण विरोधी कानूनों के दुरुपयोग को रेखांकित किया गया। यूसीएफ के अनुसार, इन कानूनों में “बल”, “धोखा” और “प्रलोभन” जैसे अस्पष्ट शब्दों का इस्तेमाल होता है, जिन्हें अक्सर ईसाइयों को निशाना बनाने और परेशान करने के लिए गलत तरीके से लागू किया जाता है।


यूसीएफ ने तर्क दिया कि इस तरह की अस्पष्ट भाषा कानून के मनमाने इस्तेमाल की अनुमति देती है, जिससे अधिकारियों को उत्पीड़न का अवसर मिलता है। उन्होंने कई उदाहरण प्रस्तुत किए, जिनमें शांतिपूर्ण प्रार्थना सभाओं को जबरन धर्मांतरण का प्रयास बताकर झूठे आरोप और कानूनी परेशानियों में फंसाया गया।


ज्ञापन में एक और गंभीर मुद्दा उठाया गया — स्थानीय पुलिस की निष्क्रियता या मिलीभगत। कई मामलों में, जहां ईसाइयों की हत्या हुई, स्थानीय प्रशासन ने उन घटनाओं को ज़मीन या पारिवारिक विवाद बताकर खारिज कर दिया, जबकि स्थानीय समुदायों का कहना था कि ये हमले धार्मिक आधार पर किए गए थे।


यूसीएफ के ज्ञापन में वेटिकन के समक्ष कई महत्वपूर्ण सिफारिशें और मांगें रखी गईं, जिनमें प्रमुख हैं:

  • वेटिकन भारत सरकार के साथ होने वाले द्विपक्षीय मानवाधिकार संवादों में इन मुद्दों को उठाए;
  • भारत में ईसाइयों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं की निंदा करते हुए आधिकारिक बयान जारी करे;
  • प्रभावित क्षेत्रों में स्वतंत्र तथ्यान्वेषण (फैक्ट-फाइंडिंग) मिशन भेजे;
  • धर्मांतरण विरोधी कानूनों के अंतर्गत चल रहे मुकदमों की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए लाइव ट्रायल प्रसारण की मांग का समर्थन करे।


ज्ञापन में चेतावनी दी गई कि यह शत्रुता केवल कुछ अलग-अलग घटनाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत में ईसाइयों के खिलाफ एक व्यवस्थित भेदभाव का संकेत है, जो देश के धर्मनिरपेक्षता और धार्मिक स्वतंत्रता जैसे संवैधानिक मूल्यों को खतरे में डाल रहा है।


यूसीएफ ने वैश्विक समुदाय से तत्काल समर्थन की अपील करते हुए कहा कि भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा और मानवीय गरिमा को बनाए रखने के लिए होली सी का हस्तक्षेप बेहद जरूरी है।


रिपोर्ट : कैथोलिक कनेक्ट संवाददाता


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